पाकिस्तान के लिए जासूसी करती थी यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा! पुरी से जुड़ा एक और नया सुराग! 6 और गिरफ्तार, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क
हिसार/पुरी,19 मई । सोशल मीडिया की दुनिया में मशहूर चेहरा और लाखों फॉलोअर्स की चहेती यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा अब देशद्रोह के आरोप में सलाखों के पीछे पहुँच चुकी हैं। पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के गंभीर आरोपों में हिसार पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है, जो कई महीनों से निगरानी और तकनीकी जाँच में जुटी हुई थी। इस सनसनीखेज मामले में छह अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया है, और अब इसकी परछाइयाँ ओडिशा के पुरी तक जा पहुंची हैं।
सूत्रों के अनुसार, ज्योति मल्होत्रा ने चार महीने पहले ओडिशा के पुरी का दौरा किया था, जहां उसने जगन्नाथ मंदिर और कुछ अन्य रणनीतिक महत्व वाले स्थानों की फोटो और वीडियो बनाए। अब आशंका है कि ये सामग्री पाकिस्तान को भेजी गई हो सकती है। राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां इस खुलासे के बाद हाई अलर्ट पर हैं।
जाँच में सामने आया है कि ज्योति पिछले कई वर्षों से भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियों से जुड़ी संवेदनशील जानकारियाँ डिजिटल माध्यमों से पाकिस्तान को भेज रही थीं। उसकी ऑनलाइन गतिविधियों को छिपे हुए नेटवर्क के माध्यम से ट्रैक किया गया, जिसके बाद ये कार्रवाई संभव हो पाई।
पुरी निवासी और यूट्यूबर प्रियंका सेनापति से इस मामले में गहन पूछताछ जारी है। प्रियंका और ज्योति की जान-पहचान यूट्यूब के जरिए हुई थी। अब एजेंसियाँ यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या प्रियंका भी इस राष्ट्रविरोधी गतिविधि का हिस्सा थीं या महज एक दोस्त के रूप में संपर्क में थीं।
इस पूरे मामले पर प्रियंका सेनापति ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर बयान जारी करते हुए कहा,
“ज्योति मेरी सिर्फ एक यूट्यूबर मित्र थीं। मुझे उनके किसी अवैध गतिविधि की कोई जानकारी नहीं थी। अगर मुझे जरा भी अंदेशा होता, तो मैं उनसे दूरी बना लेती। मैं जाँच एजेंसियों को पूरा सहयोग करूंगी।”
ज्योति की गिरफ्तारी ने सुरक्षा एजेंसियों को बड़ा झटका दिया है। एक आम यूट्यूबर के रूप में दिखने वाली महिला का इस तरह राष्ट्र विरोधी साजिश में लिप्त होना यह दर्शाता है कि सोशल मीडिया अब सिर्फ मनोरंजन का माध्यम नहीं रहा, बल्कि यह राष्ट्र सुरक्षा के लिए भी एक नई चुनौती बनकर उभर रहा है।
जाँच अधिकारियों के अनुसार, इस मामले में अभी और गिरफ्तारियां हो सकती हैं, और कई नए खुलासे सामने आ सकते हैं। सरकार भी अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की निगरानी बढ़ाने और डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाने की तैयारी में है।
इस सनसनीखेज प्रकरण ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि देश की सुरक्षा में सबसे बड़ी सेंध वहीं से लगती है, जहां से कम से कम उम्मीद की जाती है। सोशल मीडिया की आड़ में चल रही इस जासूसी का पर्दाफाश होना न सिर्फ एक बड़ी सफलता है, बल्कि डिजिटल युग में जागरूकता और सतर्कता की भी सख्त जरूरत को उजागर करता है।