गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में ‘डिजिटल रेप’ का सनसनीखेज मामला, डॉक्टर पर गंभीर आरोप
नई दिल्ली,18 अप्रैल। हरियाणा के गुरुग्राम स्थित प्रतिष्ठित मेदांता अस्पताल में एक ‘डिजिटल रेप’ का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। पीड़िता द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में एक डॉक्टर पर आरोप लगाया गया है कि इलाज के नाम पर उसने अश्लील हरकतें कीं और मेडिकल प्रक्रिया की आड़ में यौन उत्पीड़न किया।
पीड़िता, जो कि अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती थी, ने पुलिस को बताया कि संबंधित डॉक्टर ने उसकी सहमति के बिना निजी अंगों को अनुचित ढंग से छुआ और यह सब एक सामान्य चिकित्सा जांच के नाम पर किया गया। मेडिकल कानून के तहत इस तरह के कृत्य को “डिजिटल रेप” यानी उंगलियों या अन्य वस्तुओं से किया गया जबरन यौन कृत्य माना जाता है, जो भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और पॉक्सो एक्ट जैसी धाराओं के अंतर्गत अपराध है।
पुलिस ने दर्ज किया केस:
गुरुग्राम पुलिस ने पीड़िता की शिकायत के आधार पर आरोपी डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अस्पताल से संबंधित CCTV फुटेज और अन्य कर्मचारियों के बयान लिए जा रहे हैं। डॉक्टर को पूछताछ के लिए तलब किया गया है।
अस्पताल का बयान:
मेदांता अस्पताल प्रशासन ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि “हम इस घटना को अत्यंत गंभीरता से ले रहे हैं। जांच पूरी होने तक आरोपी डॉक्टर को ड्यूटी से हटा दिया गया है। यदि आरोप साबित होते हैं, तो अस्पताल कानून के अनुसार कठोर कार्रवाई करेगा।”
सामाजिक प्रतिक्रिया और चिंता:
यह मामला सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर भारी आक्रोश देखा जा रहा है। स्वास्थ्य संस्थानों में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। महिला आयोग और मानवाधिकार संगठनों ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
क्या है ‘डिजिटल रेप’?
डिजिटल रेप शब्द का अर्थ है – बिना सहमति किसी महिला के शरीर में उंगलियों या किसी अन्य वस्तु का प्रवेश करना। यह कानूनन एक गंभीर अपराध है, जिसे बलात्कार की श्रेणी में रखा गया है। कई बार यह मेडिकल जांच के नाम पर भी किया जाता है, जिससे पीड़िता भ्रमित रहती है और देर से शिकायत कर पाती है।
फिलहाल पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और पीड़िता को काउंसलिंग व सुरक्षा मुहैया कराई गई है। यह मामला एक बार फिर से यह सोचने पर मजबूर करता है कि सुरक्षित माने जाने वाले स्थानों पर भी महिलाओं की गरिमा खतरे में पड़ सकती है, और ऐसी घटनाओं के खिलाफ कड़े कदम उठाना बेहद जरूरी है।