“ऑपरेशन सिंदूर”: टारगेट नंबर 1 से 9 तक – आतंक के अड्डों पर कहर की पूरी कहानी!
नई दिल्ली,10 मई । भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि जब बात मातृभूमि की सुरक्षा की हो, तो दुश्मन की कोई भी चाल नहीं चलती। ‘ऑपरेशन सिंदूर’—एक ऐसा नाम जो अब भारत की आतंक विरोधी कार्रवाइयों की गौरवगाथा में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो चुका है। यह सिर्फ एक ऑपरेशन नहीं, बल्कि आतंक के खिलाफ निर्णायक जंग थी, जिसमें टारगेट नंबर 1 से लेकर नंबर 9 तक के आतंक के अड्डों को नेस्तनाबूद कर दिया गया।
सुरक्षा एजेंसियों को जैसे ही जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग इलाकों में सक्रिय 9 आतंकी ठिकानों की जानकारी मिली, पूरे सिस्टम में हलचल मच गई। एक के बाद एक इन ठिकानों की पहचान की गई—कुछ सीमावर्ती जंगलों में, कुछ पहाड़ों की गुफाओं में तो कुछ स्थानीय बस्तियों में छिपे थे।
ऑपरेशन को ‘सिंदूर’ नाम इसलिए दिया गया, क्योंकि इसका मकसद था – भारत की पवित्र धरती पर दुश्मन के हर कतरे को मिटा देना, ताकि हर माँ-बहन की मांग सिंदूर से सजी रहे और शांति कायम हो।
पहले तीन टारगेट पाकिस्तान समर्थित लश्कर और जैश के गुप्त लॉंच पैड थे। भारतीय सेना ने माइन्यूट-टू-माइन्यूट प्लानिंग करते हुए अंधेरे में घुसपैठ कर इन ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। ड्रोन और थर्मल इमेजिंग से पहले दुश्मन को ट्रैक किया गया, फिर पैरा-कमांडोज़ ने धावा बोला। आधे घंटे के भीतर तीनों ठिकाने खाक हो चुके थे।
दूसरे फेज में लक्ष्य था—उत्तर कश्मीर की बर्फीली घाटियों में छिपे आतंकी बंकर। ये ठिकाने हाइली सिक्योर्ड थे, जिनमें विदेशी प्रशिक्षकों की मौजूदगी की भी खबर थी। यहां रॉ और आईबी ने जमीनी नेटवर्क के जरिए सटीक लोकेशन साझा की। ऑपरेशन का नेतृत्व मेजर आर. थापर ने किया, जिनके दस्ते ने बर्फ में रातभर पैदल सफर कर धमाका किया। टारगेट 4, 5 और 6 – तीनों मिनटों में खत्म।
तीसरे और सबसे खतरनाक फेज में दुश्मन का कमांड सेंटर ही निशाने पर था। ये ठिकाने आतंकियों की रिक्रूटमेंट, फंडिंग और हथियार सप्लाई की रीढ़ थे। LOC के पास ये केंद्र दशकों से भारतीय सुरक्षा बलों को परेशान कर रहे थे।
लेकिन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में न सिर्फ इन्हें नष्ट किया गया, बल्कि वहाँ मौजूद टॉप कमांडर ‘मलिक’ को भी ढेर कर दिया गया। इस कार्रवाई में हवाई समर्थन भी शामिल था और हेलीकॉप्टर से सटीक स्ट्राइक की गई।
सिर्फ 72 घंटों में 9 ठिकानों का खात्मा – यह किसी फिल्मी कहानी जैसा लग सकता है, लेकिन यह भारत की सच्ची ताकत का सबूत है। ऑपरेशन के बाद से जम्मू-कश्मीर में साजिशों में भारी गिरावट देखी गई है। सुरक्षाबलों का मनोबल सातवें आसमान पर है, और देश की जनता ने भी तिरंगा लहराकर इस विजय का जश्न मनाया।