नेशनल हेराल्ड केस: कांग्रेस 57 शहरों में करेगी 57 प्रेस कॉन्फ्रेंस, सरकार पर साधेगी निशाना By:
नई दिल्ली,21 अप्रैल। नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की पहली चार्जशीट में सोनिया-राहुल का नाम आने के विरोध में कांग्रेस देशभर में आज सोमवार से प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी। 21 से 27 अप्रैल के बीच 57 शहरों में 57 प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। इस अभियान का नाम ‘कांग्रेस का सच, भाजपा का झूठ’ रखा गया है। पार्टी ने कहा- इस दौरान भाजपा का झूठ सबसे सामने लाया जाएगा।
कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने रविवार को ‘X’ पर जानकारी देते हुए लिखा- विजयवाड़ा से वाराणसी, कश्मीर से तिरुवनंतपुरम तक कांग्रेस नेता भाजपा के झूठ और स्वतंत्रता संग्राम के जीवित स्मारक ‘नेशनल हेराल्ड’ को खत्म करने के राष्ट्रविरोधी प्रयासों को उजागर करने के लिए पूरे भारत में फैल रहे हैं।
पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले 57 नेताओं की लिस्ट भी शेयर की। इसमें मणिकम टैगोर, गौरव गोगोई, पी चिदंबरम, सुप्रिया श्रीनेत, अशोक गहलोत, शशि थरूर, पवन खेड़ा, भूपेश बघेल, कन्हैया कुमार, रणदीप सिंह सुरजेवाला, राजीव शुक्ला, अलका लांबा जैसे कई बड़े नेताओं के नाम शामिल है।
कांग्रेस का आरोप: “ED का दुरुपयोग हो रहा है”
कांग्रेस का कहना है कि नेशनल हेराल्ड मामले में की जा रही ईडी की पूछताछ और कार्रवाई पूरी तरह राजनीतिक प्रेरित है। पार्टी के वरिष्ठ नेता पहले ही इसे “तानाशाही रवैया” करार दे चुके हैं और अब जनता तक अपनी बात पहुँचाने के लिए यह प्रेस कॉन्फ्रेंस अभियान शुरू किया जा रहा है।
खड़गे ने कहा- चार्जशीट में साजिश के तहत सोनिया-राहुल का नाम – 19 अप्रैल को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में कांग्रेस महासचिवों, राज्य प्रभारियों और फ्रंटल संगठनों के प्रमुखों की बैठक में देशभर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का निर्णय लिया गया।
इस दौरान खड़गे ने कहा- नेशनल हेराल्ड केस की चार्जशीट में साजिश और बदले की भावना के तहत सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम जोड़ा गया है। वे चाहे जिसका भी नाम डालें, हम डरने वाले नहीं हैं।
खड़गे ने आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस के अहमदाबाद अधिवेशन के समय जानबूझकर दिल्ली, लखनऊ और मुंबई में नेशनल हेराल्ड की संपत्तियां अटैच कीं। इससे पहले भी मोदी सरकार ने ED और CBI के जरिए कांग्रेस नेताओं पर छापे मारकर रायपुर अधिवेशन को बाधित करने की कोशिश की थी।