‘India Out’ का नारा देकर सत्ता में आए मालदीव के मुइज्जू ने लिया चौंकाने वाला U-Turn! 15 घंटे की प्रेस कॉन्फ्रेंस में बदला सुर, पीछे हटे प्रधानमंत्री
नई दिल्ली,6 मई । जिस नारे को हथियार बनाकर उन्होंने सत्ता पाई, अब उसी पर यू-टर्न ले लिया! मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू, जिन्होंने “India Out” को देशभक्ति का प्रतीक बना दिया था, अब उसी भारत से सधा हुआ रिश्ता बनाने की बात कर रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह रही कि यह बयान किसी आधिकारिक दस्तावेज़ में छिपा नहीं था — बल्कि पूरे 15 घंटे लंबी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया गया, जो खुद एक नया रिकॉर्ड बन गया।
चुनाव से पहले मुइज्जू ने खुलकर भारत विरोधी रुख अपनाया था। भारत को मालदीव की संप्रभुता में हस्तक्षेप करने वाला बताकर जनता को उकसाया गया। ‘India Out’ मुहिम के बैनर तले, उन्होंने ना सिर्फ भारत से नफरत फैलाई, बल्कि सत्तारूढ़ सरकार को ‘भारत की कठपुतली’ तक कह डाला था।
लेकिन अब वही मुइज्जू, 15 घंटे की मैराथन प्रेस वार्ता में कह रहे हैं —
विश्लेषकों का मानना है कि भारत के साथ खराब रिश्तों की कीमत मालदीव की अर्थव्यवस्था को चुकानी पड़ रही थी।
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पर्यटन, जो मालदीव की रीढ़ है, उसमें भारी गिरावट आई।
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मेडिकल और इंफ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट के लिए भारत पर निर्भरता भी साफ दिखने लगी।
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और सबसे बड़ा झटका तब लगा जब अंतरराष्ट्रीय निवेशकों ने ‘अस्थिरता’ का हवाला देकर दूरी बनानी शुरू कर दी।
मुइज्जू के इस यू-टर्न ने जनता को भी हैरान कर दिया है। सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना हो रही है। लोग पूछ रहे हैं —
“क्या यह देश के साथ धोखा नहीं?”
“क्या ‘India Out’ सिर्फ एक चुनावी हथकंडा था?”
कई लोगों ने तो यह तक कहा कि मुइज्जू ने जनता की भावनाओं से खेला और अब वही जनता उन्हें जवाब देने को तैयार बैठी है।
भारत सरकार ने इस मुद्दे पर अब तक कोई तीखी प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन यह स्पष्ट है कि भारत ने चुप रहकर भी अपने प्रभाव और गरिमा से मुइज्जू को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया है। कूटनीति में यही तो असली ताकत है — बिना शोर के प्रभाव छोड़ना।
“India Out” से “India is our partner” तक का सफर सिर्फ शब्दों का नहीं, नीयत का खुलासा है।
मुइज्जू का यह पलटी मारना न सिर्फ उनकी राजनीति की पोल खोलता है, बल्कि भारत की वैश्विक कूटनीति की एक और जीत भी बन गया है।