भारत का नया संकल्प: अब आतंकवाद को जड़ से खत्म करने की बारी!
नई दिल्ली,8 मई । जिस भारत ने अब तक विश्व को प्राकृतिक आपदा, युद्ध और महामारी जैसे महाविनाशों से उबारा है, उसी भारत ने अब एक नया, निर्णायक संकल्प लिया है—आतंकवाद को जड़ से मिटाने का! विश्व मंच से भारत ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि अब ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ केवल एक आदर्श नहीं, बल्कि एक निर्णायक अभियान है—जिसका अंतिम पड़ाव होगा: आतंक का समूल विनाश।
भारत ने बीते दशकों में मानवता को कई बार बचाया है। अमेरिका जैसे महाशक्ति के नागरिकों को भी भारत ने युद्ध और प्राकृतिक आपदा से सुरक्षित बाहर निकाला। कोविड-19 जैसे वैश्विक संकट के समय जब शक्तिशाली राष्ट्र भी घुटनों पर थे, भारत ने न केवल अपने लिए वैक्सीन बनाई, बल्कि विश्व के दर्जनों देशों तक वैक्सीन पहुंचा कर ‘वैश्विक संरक्षक’ की भूमिका निभाई। यह वही भारत है जिसने ‘सबका साथ, सबका विकास’ की भावना को दुनिया की सड़कों तक पहुँचाया।
लेकिन अब समय आ गया है कि मानवता के सबसे बड़े शत्रु—आतंकवाद—को खत्म किया जाए। और यह चेतावनी किसी सामान्य भाषण का हिस्सा नहीं, बल्कि भारत की नीति का नया रुख है।
विशेष तौर पर पाकिस्तान को यह कड़ा संदेश दिया गया है—या तो आतंकवाद का रास्ता छोड़ो, या फिर प्राण त्यागने को तैयार रहो। इस्लामी जिहाद के नाम पर खून बहाने वाले पाकिस्तानी कुनबे के लिए अब दुनिया में कोई जगह नहीं बची है। वह चाहे वैश्विक मंचों पर अलग-थलग पड़ा हो या आर्थिक बदहाली की कगार पर खड़ा हो—भारत अब उसे कोई रियायत नहीं देने वाला।
‘शांति के लिए शस्त्र उठाना भी धर्म है’—यह विचार अब केवल किताबों में नहीं, बल्कि भारत की कूटनीति का हिस्सा बन चुका है। मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत न सिर्फ अपनी सीमाओं की रक्षा कर रहा है, बल्कि आतंक के हर ठिकाने को ख़ामोश करने का भी मन बना चुका है।
यह निर्णायक समय है। अब भारत किसी को भी ‘आतंक’ के नाम पर माफ नहीं करेगा—चाहे वो सीमा पार का पापी हो या सीमा के अंदर छिपा गद्दार।
भारत तैयार है। विश्व तैयार है।
अब या तो आतंक खत्म होगा, या आतंक के पालक!
क्या पाकिस्तान सुनेगा यह स्पष्ट और अंतिम चेतावनी?
या फिर इतिहास उसे एक और असफल राष्ट्र के रूप में दफना देगा?