गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को उत्तर प्रदेश अपार्टमेंट अधिनियम के तहत निर्णय देने के लिए उच्च न्यायालय से मिला आदेश

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गाजियाबाद, 26 अप्रैल 2025: शिप्रा कृष्णा विस्टा, इंदिरापुरम के अपार्टमेंट निवासियों ने उत्तर प्रदेश अपार्टमेंट अधिनियम के उल्लंघन के खिलाफ गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) से शीघ्र कार्रवाई की मांग की है। निवासियों ने 5 सितंबर 2024 को डीजी डिस्कनेक्शन के संबंध में उत्तर प्रदेश अपार्टमेंट अधिनियम की धारा 22(2) के तहत एक अपील दायर की थी। इस अपील पर 30 सितंबर 2024 को सुनवाई की गई थी, लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

निवासियों का आरोप है कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने यह आदेश दिया था कि जब तक इस मामले का अंतिम निर्णय नहीं हो जाता, तब तक डीजी डिस्कनेक्शन से संबंधित कोई कार्रवाई न की जाए, लेकिन कार्यकारी अध्यक्ष द्वारा इन आदेशों का उल्लंघन किया गया। इसके कारण निवासियों को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ा और अंततः उन्हें मामले को उच्च न्यायालय में ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। उच्च न्यायालय ने 22 अप्रैल 2025 को इस मामले में अपना निर्णय सुनाते हुए गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को 4 सप्ताह के भीतर निर्णय देने का आदेश दिया है।

निवासियों का कहना है कि अतिरिक्त पूंजीगत व्यय की गणना में कई महत्वपूर्ण नियमों का उल्लंघन किया गया है। खासकर उत्तर प्रदेश अपार्टमेंट अधिनियम की धारा 12, 18 और 24 के तहत अपार्टमेंट के क्षेत्र के अनुसार हित प्रतिशत (प्रति वर्ग फीट) की गणना न करने के साथ ही निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन भी नहीं किया गया है।

निवासियों ने यह भी दावा किया कि 15 अगस्त 2023 को आयोजित विशेष बैठक में केवल “मूल्यांकन” करने की बात की गई थी, न कि अनुमोदन की। हालांकि, बैठक के कार्यवृत्त में इसे अनुमोदन के रूप में प्रस्तुत किया गया। मूल्यांकन के बाद संबंधित टेंडर प्रक्रिया सितंबर और दिसंबर 2023 में हुई, लेकिन इन टेंडरों को कभी निवासियों के समक्ष अनुमोदन के लिए नहीं लाया गया। इससे प्रक्रिया में हुई अव्यवस्थाओं को लेकर सवाल उठे और अब गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से तत्काल समाधान की मांग की जा रही है।

इसके साथ ही, अपार्टमेंट में निर्धारित प्रक्रियाओं का उल्लंघन कर लगाए गए राशियों पर पेनल्टी को भी अवैध घोषित किए जाने की मांग की गई है। निवासियों का कहना है कि वे गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से उम्मीद कर रहे हैं कि इस मामले में जल्द ही उचित कार्रवाई की जाएगी और उन्हें न्याय मिलेगा।

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