शिक्षा क्रांति का ऐलान! देश के 5 नए IITs में बड़ा विस्तार, 6500 से ज्यादा छात्रों को मिलेगा दाखिला – कैबिनेट ने दी ऐतिहासिक मंजूरी
नई दिल्ली,8 मई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश के तकनीकी शिक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक और दूरदर्शी निर्णय लेते हुए देश के पांच नए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IITs) में शैक्षणिक और बुनियादी ढांचे के विशाल विस्तार को मंजूरी दे दी है। यह कदम न केवल शिक्षा क्षेत्र में एक नई उड़ान देगा, बल्कि देश के युवाओं को नवाचार, अनुसंधान और तकनीकी विकास में नेतृत्व प्रदान करने का मौका भी देगा।
IIT तिरुपति (आंध्र प्रदेश)
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IIT पलक्कड़ (केरल)
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IIT भिलाई (छत्तीसगढ़)
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IIT जम्मू (जम्मू एवं कश्मीर)
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IIT धारवाड़ (कर्नाटक)
इन संस्थानों में ‘फेज-B’ निर्माण कार्य के तहत अत्याधुनिक कैंपस, हाईटेक क्लासरूम, लैब्स, हॉस्टल और शोध केंद्र विकसित किए जाएंगे।
प्रत्येक वर्ष की अनुमानित वृद्धि:
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पहले वर्ष: 1,364 छात्र
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दूसरे वर्ष: 1,738 छात्र
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तीसरे वर्ष: 1,767 छात्र
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चौथे वर्ष: 1,707 छात्र
अब भारत के IIT कैंपस सिर्फ शिक्षा के केंद्र नहीं होंगे, बल्कि उद्योग और शैक्षणिक जगत के बीच सेतु बनेंगे। इन रिसर्च पार्कों से नवाचार, स्टार्टअप और इंडस्ट्री-एकेडेमिया साझेदारी को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा।
शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए 130 नए फैकल्टी पद भी स्वीकृत किए गए हैं, जिससे प्रोफेसर स्तर पर अनुभवी और प्रख्यात शिक्षाविदों की नियुक्ति संभव होगी।
इस विस्तार से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के असंख्य अवसर भी खुलेंगे। फैकल्टी, प्रशासनिक स्टाफ, रिसर्चर और तकनीकी सपोर्ट स्टाफ के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर आवास, परिवहन, खानपान, निर्माण कार्य में भी रोजगार उत्पन्न होगा।
हालांकि ये IITs विभिन्न राज्यों में स्थित हैं, लेकिन इनमें प्रवेश अखिल भारतीय स्तर पर होता है। इसका मतलब है कि देश के हर कोने से होनहार युवा इन संस्थानों में दाखिला ले सकेंगे।
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IIT पलक्कड़ और तिरुपति: 2015-16 में अस्थायी कैंपस से शुरुआत
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IIT जम्मू, भिलाई और धारवाड़: 2016-17 में संचालन प्रारंभ
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अब सभी संस्थान अपने स्थायी कैंपस में कार्यरत हैं और ये विस्तार उन्हें अगले स्तर पर ले जाएगा।
“बीते 10 वर्षों में 23 IITs में छात्रों की संख्या 65,000 से बढ़कर 1.35 लाख हो चुकी है। अब 2014 के बाद स्थापित पांच IITs में अतिरिक्त 6,500 छात्रों के लिए अधोसंरचना विकसित की जाएगी।”
यह निर्णय केवल पांच संस्थानों का विस्तार नहीं है, बल्कि यह है भारत के तकनीकी भविष्य की नई आधारशिला। जहां से निकलेंगे वे युवा, जो डिजिटल इंडिया, आत्मनिर्भर भारत और वैश्विक नवाचार की अगुवाई करेंगे।
– “ये सिर्फ ईंट-पत्थर का निर्माण नहीं, बल्कि भारत के तकनीकी सामर्थ्य का पुनर्जागरण है।”