दिल्ली हाईकोर्ट ने एआर रहमान को दी राहत, ‘वीरा राजा वीरा’ कॉपीराइट विवाद में अंतरिम आदेश पर रोक!

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नई दिल्ली,7 मई । एआर रहमान के प्रशंसकों के लिए बड़ी खबर! दिल्ली उच्च न्यायालय ने मशहूर संगीतकार एआर रहमान को उनकी ब्लॉकबस्टर फिल्म पोन्नियिन सेलवन 2 के चर्चित गीत वीरा राजा वीरा के कॉपीराइट मामले में अंतरिम राहत दी है। कोर्ट ने एकल न्यायाधीश द्वारा जारी निषेधाज्ञा के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है, जिससे रहमान को बड़ी राहत मिली है।

यह मामला तब सुर्खियों में आया जब पद्मश्री से सम्मानित प्रसिद्ध ध्रुपद गायक फैयाज वसीफुद्दीन डागर ने आरोप लगाया कि वीरा राजा वीरा की धुन उनके पिता नासिर फैयाजुद्दीन डागर और चाचा जहीरुद्दीन डागर द्वारा रचित शिव स्तुति से हूबहू उठाई गई है। डागर परिवार का दावा है कि भले ही गीत के बोल अलग हों, पर इसकी धुन, बीट और संगीत संरचना शिव स्तुति जैसी ही है, जिसे डागर भाइयों ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रस्तुत किया और रिकॉर्ड किया।

25 अप्रैल को एकल न्यायाधीश प्रतिभा एम सिंह ने डागर परिवार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए रहमान और निर्माताओं को आदेश दिया था कि वे सभी प्लेटफॉर्म्स पर डागर भाइयों को क्रेडिट दें, ₹2 लाख का जुर्माना भरें और ₹2 करोड़ कोर्ट में जमा करें। जस्टिस सिंह ने टिप्पणी की थी कि गीत की रचना केवल प्रेरित नहीं, बल्कि लगभग समान है, जिससे डागर परिवार के अधिकारों का उल्लंघन होता है।

लेकिन मंगलवार को हाईकोर्ट की खंडपीठ — जस्टिस सी हरि शंकर और जस्टिस अजय दिगपॉल — ने रहमान की अपील पर सुनवाई करते हुए अगले आदेश तक निषेधाज्ञा पर रोक लगा दी। अदालत ने कहा, “चूंकि कॉपीराइट विवाद का विषय 2023 से सार्वजनिक डोमेन में है, हम किसी भी पक्ष के अधिकारों को प्रभावित किए बिना आदेश पर रोक लगाते हैं।”

हालांकि कोर्ट ने स्पष्ट किया कि रहमान और निर्माता ₹2 करोड़ जमा जरूर करें, पर यह आदेश अपील के अंतिम परिणाम पर कोई टिप्पणी नहीं है। मामले की अगली सुनवाई 23 मई को होगी, जिसे सभी की नजरें टिकी हुई हैं।

रहमान की ओर से दावा किया गया कि वीरा राजा वीरा एक मौलिक रचना है, जिसमें पश्चिमी संगीत के 227 परतों का इस्तेमाल हुआ है, और यह पारंपरिक ध्रुपद शैली से कहीं आगे है।

संगीत प्रेमियों और इंडस्ट्री के लिए यह मामला मिसाल बन सकता है — क्या एआर रहमान का संगीत मौलिकता की कसौटी पर खरा उतरेगा या डागर परिवार की विरासत को न्याय मिलेगा? अगले फैसले का इंतजार पूरे देश को है!

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