अमेरिका पर ₹3200 लाख करोड़ का कर्ज
वाशिंगटन । 4 जून 2025 । दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी इलॉन मस्क ने अमेरिका के कर्ज संकट पर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा- अमेरिकी सरकार की कमाई का 25% हिस्सा तो कर्ज के ब्याज में ही जा रहा है।
अगर ऐसा ही चलता रहा तो हालत ये होगी कि सरकार के पास सिर्फ ब्याज चुकाने के लिए पैसे होंगे। सोशल सिक्योरिटी, मेडिकल, डिफेंस जैसी जरूरी चीजों के लिए कुछ नहीं बचेगा।
मस्क ने हाल ही में ये भी कहा था कि ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट’ जैसे स्पेंडिंग बिल्स इस कर्ज को और बढ़ा रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि संसद देश को दिवालिया बना रही है।
अमेरिका का कर्ज कितना है और ब्याज कितना देना पड़ रहा है?
जवाब: इलॉन मस्क ने अपनी पोस्ट में वॉल स्ट्रीट माव नाम के एक अकाउंट को कोट किया, जिसमें बताया गया कि अमेरिका का कर्ज 36.9 ट्रिलियन डॉलर यानी, करीब 3200 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। वर्ल्ड ऑफ स्टैटिस्टिक्स के मुताबिक…
- 2024 में कर्ज 36.2 ट्रिलियन डॉलर यानी, करीब 3111 लाख करोड़ रुपए था।
- 2011 में कर्ज 15.2 ट्रिलियन डॉलर यानी करीब 1306 लाख करोड़ रुपए था।
- 14 साल में कर्ज दोगुना से भी ज्यादा होकर 36.9 ट्रिलियन डॉलर हो गया है।
वहीं हर साल अमेरिका को ब्याज के तौर पर 1.2 ट्रिलियन डॉलर यानी, करीब 103 लाख करोड़ रुपए चुकाने पड़ रहे हैं। ये रकम डिफेंस डिपार्टमेंट के 1 ट्रिलियन डॉलर के बजट से भी ज्यादा है। मस्क ने सितंबर 2024 में ऑल इन पॉडकास्ट में भी ये बात कही थी।
इसी तरह चलता रहा तो आने वाले सालों में ये कितना हो सकता है?
जवाब: अरबपति निवेशक रे डालियो ने कहा कि अगले 10 सालों में अमेरिका का कर्ज 50-55 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है, जो उसकी कमाई का 6.5-7 गुना होगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका का बढ़ता कर्ज एक ‘इकोनॉमिक हार्ट अटैक’ की वजह बन सकता है।
मूडीज ने भी कहा कि अगर ऐसा ही चला तो 2035 तक कर्ज जीडीपी का 140% हो जाएगा, जो 2024 में 98% था। अगर ट्रम्प की टैक्स पॉलिसी बरकरार रही तो हालत और खराब होगी। वहीं कॉन्ग्रेशनल बजट ऑफिस ने कहा कि 2055 तक कर्ज जीडीपी का 156% हो जाएगा।
डेट-टू-जीडीपी रेश्यो ये बताता है कि किसी देश का कर्ज (डेट) उसकी सालाना कमाई (जीडीपी) के मुकाबले कितना है। इसे परसेंटेज में दिखाया जाता है।
मान लीजिए एक देश का कर्ज 100 रुपए है और उसकी सालाना कमाई 50 रुपए है, तो डेट-टू-जीडीपी रेश्यो होगा 100/50 = 200%। यानी कर्ज कमाई से दोगुना है।
अमेरिका पर कर्ज बढ़ने का वहां की जनता पर क्या असर होगा?
जवाब: बाइपार्टिसन पॉलिसी सेंटर के मुताबिक, कर्ज बढ़ने से ब्याज का खर्चा इतना बढ़ जाएगा कि सरकार के पास जरूरी प्रोग्राम्स जैसे सोशल सिक्योरिटी, मेडिकेयर, डिफेंस के लिए पैसे नहीं बचेंगे। काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस के मुताबिक, ब्याज का खर्चा मेडिकेड से ज्यादा हो गया है।
अमेरिका का कर्ज इतना क्यों बढ़ रहा है?
जवाब: यूएस ट्रेजरी फिस्कल डेटा बताता है कि सरकार के खर्चे कमाई से ज्यादा हैं। जब खर्चा ज्यादा होता है, तो सरकार को कर्ज लेना पड़ता है।
- कोविड-19 महामारी के दौरान बड़े प्रोग्राम्स के लिए खर्चा बढ़ा।
- यूक्रेन संकट की वजह से भी अमेरिका के खर्च में बढ़ोतरी हुई है।
- 2017 के टैक्स कट्स की वजह से अमेरिका की कमाई घटी है।