“8–9 मई की रात पाकिस्तान का सबसे बड़ा हवाई हमला — भारत ने दिया करारा जवाब, चार एयर डिफेंस ठिकाने तबाह!”
नई दिल्ली,10 मई । 8 से 9 मई 2025 की रात, भारत की सरहद पर हवा थर्रा उठी, रडार गूंज उठे और आसमान में गर्जना हुई।
पाकिस्तान ने अब तक की सबसे बड़ी हवाई घुसपैठ करते हुए, भारत के सैन्य ढांचे को निशाना बनाने की नापाक कोशिश की।
36 अलग-अलग लोकेशनों पर, लेह से लेकर सिर क्रीक तक, 300 से 400 सशस्त्र ड्रोन भेजे गए —
मक़सद साफ़ था: भारत की ताकत पर सीधा वार।
लेकिन पाकिस्तान को मिला क्या?
भारत की तैयारी, पलटवार और ध्वस्त होते उसके अपने एयर डिफेंस सिस्टम!
पाकिस्तानी ड्रोन सीधे भारत के सैन्य ठिकानों, हथियार डिपो, और रडार स्टेशनों को टारगेट कर रहे थे।
लेकिन भारतीय सेना ने काइनेटिक (मिसाइल-गन) और नॉन-काइनेटिक (जैमिंग-ईएमपी) हथियारों से
इन हमलों को हवा में ही नाकाम कर दिया।
भटिंडा में एक सशस्त्र UAV स्ट्राइक को भी वायु रक्षा बलों ने समय रहते ध्वस्त कर दिया।
रक्षा सूत्रों के अनुसार, दर्जनों ड्रोन टुकड़ों में तब्दील होकर जमीन पर गिरे।
भारत ने पलटवार करने में एक पल की भी देरी नहीं की।
भारतीय ड्रोन बेड़े ने पाकिस्तान के चार एयर डिफेंस साइट्स पर सटीक हमले किए।
इनमें एक उच्च-तकनीकी रडार को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया।
ये सिर्फ़ जवाब नहीं था, संदेश था — भारत अब चुप नहीं बैठता।
जवाबी कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान ने एलओसी पर भारी गोलीबारी और ड्रोन हमले शुरू कर दिए।
इसमें नागरिकों और जवानों को चोटें आई हैं।
घातक हथियारों से युक्त ड्रोन LOC पार भेजे गए, लेकिन भारतीय सेना ने अधिकतर को हवा में ही खत्म कर दिया।
पाकिस्तान की गिरती हुई नैतिकता का इससे बड़ा उदाहरण और क्या होगा कि उसने इस भारी सैन्य ऑपरेशन के दौरान भी
अपना नागरिक हवाई क्षेत्र खुला रखा।
सिविलियन फ्लाइट्स की जान खतरे में डाल दी गई —
ये न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन है, बल्कि मानवता के खिलाफ़ अपराध है।
भारत ने दुनिया को दिखा दिया कि आधुनिक युद्ध का नेतृत्व कौन कर रहा है।
हमारे पास अब सिर्फ टैंक और तोप नहीं,
AI-सक्षम ड्रोन, हाई-फ्रीक्वेंसी जामर और हाइपर-रेस्पॉन्स सिस्टम भी हैं।
पाकिस्तान को याद रखना होगा —
300 ड्रोन भेजो या 3000, भारत की वायु सीमा अभेद्य है।
अब न नीयत बची है पाकिस्तान की, न रणनीति।
भारत की सेना, विज्ञान और संकल्प मिलकर
हर हमले को जवाब में बदल रहे हैं।