केरल में सीपीएम की ‘पाकिस्तान मोहब्बत’ उजागर: के. पी. शीबा का फेसबुक पोस्ट बना सियासी बवंडर

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नई दिल्ली,10 मई । केरल में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) यानी सीपीएम की नेता के. पी. शीबा एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं। इस बार मामला कुछ ज्यादा ही गंभीर है—सीपीएम की स्थानीय नेता द्वारा फेसबुक पर पाकिस्तान के समर्थन में की गई टिप्पणी ने न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, बल्कि आम जनता के बीच भी तीखी प्रतिक्रियाएं पैदा कर दी हैं।

दरअसल, के. पी. शीबा ने हाल ही में अपने फेसबुक पेज पर एक ऐसा संदेश साझा किया जिसमें पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति और समर्थन की झलक स्पष्ट तौर पर नजर आ रही थी। पोस्ट में पाकिस्तान की ‘शांति नीति’ और ‘सांस्कृतिक विरासत’ की तारीफ करते हुए भारत सरकार की विदेश नीति पर अप्रत्यक्ष रूप से कटाक्ष किया गया। इस पोस्ट के सामने आते ही सोशल मीडिया पर तूफान आ गया।

हजारों यूज़र्स ने शीबा की आलोचना करते हुए पूछा—“क्या अब सीपीएम भारत में रहते हुए पाकिस्तान के लिए प्रचार करेगी?” कई राष्ट्रवादी संगठनों और भाजपा नेताओं ने इस पोस्ट को भारत विरोधी और देशद्रोही करार देते हुए शीबा की गिरफ्तारी की मांग तक कर डाली।

जनता और विपक्ष के भारी दबाव के चलते शीबा ने कुछ घंटों में ही वह पोस्ट डिलीट कर दी और सफाई दी कि उनके शब्दों को ‘गलत तरीके से पेश किया गया’। लेकिन क्या वास्तव में यह ‘गलती’ थी या पार्टी की एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा? यह सवाल अब सीपीएम की छवि पर बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा कर रहा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि केरल में सीपीएम का कुछ वर्ग लंबे समय से ‘वामपंथी अंतरराष्ट्रीयता’ के नाम पर ऐसे मुद्दों को बढ़ावा देता रहा है जो भारत की राष्ट्रनीति से मेल नहीं खाते। के. पी. शीबा की पोस्ट को इसी प्रवृत्ति का उदाहरण माना जा रहा है।

सीपीएम नेतृत्व ने अब तक इस मुद्दे पर कोई औपचारिक बयान नहीं दिया है। लेकिन पार्टी के अंदरखाने से मिली जानकारी के अनुसार, शीर्ष नेतृत्व इस पूरे मामले से खासा असहज है और शीबा को ‘डैमेज कंट्रोल’ के निर्देश दिए गए हैं।

भाजपा प्रवक्ता ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “सीपीएम को अब तय करना होगा कि वह भारतीय राजनीति में है या पाकिस्तान के एजेंडे पर काम कर रही है। शीबा का पोस्ट कोई अकेली गलती नहीं, बल्कि उनकी सोच का प्रतिबिंब है।”

हालांकि यह पहला मामला नहीं है जब किसी वामपंथी नेता पर पाकिस्तान या भारत विरोधी रुख अपनाने का आरोप लगा हो, लेकिन शीबा की हैसियत और समय-सीमा में पोस्ट का वायरल होना इस मुद्दे को और गंभीर बनाता है।

अब देखना यह होगा कि सीपीएम इस विवाद से खुद को कैसे निकालती है और क्या केरल की जनता इस ‘पाकिस्तान प्रेम’ को माफ करेगी?

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